Friday, March 18, 2022

Essay on swami vivekananda in hindi

Essay on swami vivekananda in hindi



Sign in. प्रौढ़ शिक्षा पर भाषण भाषण. लेकिन धर्म से जुड़ा व्यक्ति स्वयं के धर्म को ही श्रेष्ठ समझता हैं. वह essay on swami vivekananda in hindi धार्मिक व्यक्ति थे हिन्दू शास्त्रों वेद, रामायण, भगवत गीता, महाभारत, उपनिषद, essay on swami vivekananda in hindi, पुराण आदि में रुचि रखते थे। वह भारतीय शास्त्रीय संगीत, खेल, शारीरिक व्यायाम और अन्य क्रियाओं में भी रुचि रखते थे। उन्हें विलियम हैस्टै महासभा संस्था के प्राचार्य के द्वारा "नरेंद्र वास्तव में एक प्रतिभाशाली है" कहा गया था।. विवेकानंद नाम उन्होंने सन्यास ग्रहण करने के बाद शिकागो के धर्म संसद में भाग लेने हेतु मुंबई जाते समय ग्रहण किया था. मैं हिन्दू शब्द का प्रयोग किसी बुरे अर्थ में नही कर रहा और मैं उन लोगों से कदापि सहमत नहीं, जो उससे कोई बुरा अर्थ समझते हैं. LEAVE A REPLY Cancel reply.





स्वामी विवेकानंद पर निबंध (Long and Short Essay on Swami Vivekananda in Hindi)



नमस्कार आज का निबंध, स्वामी विवेकानंद पर निबंध Essay on Swami Vivekananda in Hindi पर दिया गया हैं. आज हम परम पूज्य स्वामी विवेकानंद जिन्हें आध्यात्मिक गुरु कहा जाता हैं. इस निबंध में हम स्वामी विवेकानंद के जीवन के बारे में सरल भाषा में जानेगे. उम्मीद करते है विवेकानंद पर लिखा यह निबंध आपको पसंद आएगा. आधुनिक भारतीय राजनीतिक चिंतन का उद्भव व धर्म सुधार आन्दोलन से जुड़ा हुआ है जिसकी शुरुआत स्वामी विवेकानंद ने की थी. विदेशी शासन व पश्चिमी चिंतन धाराओं ने भारतीय चिंतन व संस्कृति की उपादेयता के सम्बन्ध में जो चुनौती प्रस्तुत की गई उसकी एक प्रतिक्रिया उत्पन्न हुई.


प्राचीन काल से भारत में धर्म को मानवतावादी सार्वभौमिक रूप प्रकट किया गया. भारतीय राष्ट्रवादियों पर वेदांत हिन्दू धर्म का स्पष्ट प्रभाव पड़ा. स्वामी विवेकानंद ने अपने चिंतन में कई पूर्वकालीन अवधारणाओ को समकालीन सन्दर्भ में परिभाषित किया और एक नई सामाजिक राजनीतिक समझ को जन्म दिया. मूलतः धर्म से जुड़े विचारक होने के कारण स्वामी विवेकानंद के राजनीतिक चिंतन की हमेशा से प्रष्टभूमि धर्म ही रहा. इसी आधार essay on swami vivekananda in hindi स्वामी विवेकानंद ने राष्ट्र की स्वतंत्रता एवं आत्मसम्मान को को सबसे अधिक मूल्यवान मानते हुए धार्मिक पहलू को स्थापित किया जो उन्हें पश्चिमी राष्ट्रवादी चिंतन से अलग कर देता हैं.


क्योकि पश्चिम में राष्ट्रवाद का विकास, महत्वपूर्ण सांस्कृतिक तत्व धर्म से होकर हुआ हैं. स्वामी विवेकानंद से पूर्व विभिन्न कालों में धर्म के स्वरूप व व्यवस्था में रूढ़िया गई थी. जिन्होंने न केवल व्यक्ति मात्र की स्थिति बदत्तर हुई वरन समाज व राष्ट्र भी लम्बे समय तक अज्ञान रुपी अन्धकार में रहे. ऐसी स्थिति में विवेकानंद ने धर्म के व्यवहारिक रूप को पहचानने पर बल दिया. धर्म में व्यक्तिगत एवं सामाजिक दोनों पहलुओं को महत्व दिया. वेदांत के आधार पर स्वामी विवेकानंद ने समानता, कर्तव्य, अधिकार एवं न्याय essay on swami vivekananda in hindi राजनीतिक अवधारणाओ की व्याख्या की.


स्वामी विवेकानंद ने धर्म के माध्यम से पुनः राष्ट्र को जागृत करने का प्रयास किया. अपने इस कार्य में विवेकानंद ने धर्म में निर्भीक, संगठित एवं स्वावलंबी मूल्यों को स्थापित करने का प्रयत्न किया. इन्होने धर्म को व्यक्तिगत विकास का आधार न मानते हुए इसे सामाजिक ढांचा प्रदान किया. धर्म में व्याप्त सामाजिक विषमता, रूढ़िवादिता, संकीर्ण कट्टरता, असहिष्णुता, साम्प्रदायिकता, essay on swami vivekananda in hindi, जातीयता तथा निर्बलता को खत्म कर एक आदर्श सनातन का स्वरूप बनाया. स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी को कलकत्ता के एक कुलीन परिवार में हुआ था. उनका वास्तविक नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था. विवेकानंद नाम उन्होंने सन्यास ग्रहण करने के बाद शिकागो के धर्म संसद में भाग लेने हेतु मुंबई जाते समय ग्रहण किया था.


उनका व्यक्तित्व प्रभावोंत्पादक, मुखमंडल तेजोमय था. उनकी बुद्धि प्रखर थी और स्मृति विलक्षण. उनके सम्बन्ध में यह प्रसिद्ध है कि उन्हें एनसाईंक्लोपीडिया ब्रिटेनिका के ग्यारह खंड कंठस्थ थे. स्वामी विवेकानंद अपने essay on swami vivekananda in hindi जीवन में एक अच्छे वक्ता के रूप में जाने जाते थे. उनके पिता कलकत्ता उच्च न्यायालय में वकालत करते थे. उनकी माता हिन्दू धर्म की महत्ता में विश्वास करने वाली विदुषी महिला था. माता के सद्गुणों का इन पर विशेष प्रभाव पड़ा. उन्होंने जे एस मिल, हीगल, डेविड हयूम, कांट व फक्ते, सिप्नोजो, शोपेन होवर आदि पश्चिमी दार्शनिक की रचनाओं का विशद् व गहन अध्ययन किया.


स्वामी विवेकानंद ब्रह्म समाज के विचारों से प्रभावित थे. लेकिन वैचारिक अंतर्द्वंद के चलते वे नास्तिकतावाद व सशंयवाद की ओर भी प्रवृत हुए. अपने मित्र ब्रजेन्द्रनाथ सील की प्रेरणा से उन्होंने शेले व वुड्सवर्थ को पढ़ा और साथ में परम ब्रह्मा के तत्व ज्ञान की ओर प्रवृत हुए, essay on swami vivekananda in hindi. स्वामी विवेकानंद के विचारों में बुद्धिवाद, वेदांत के अद्वैतवाद, हीगल के द्वन्द्वात्मक परमतत्व तथा फ़्रांस राज्य की क्रांति के ध्येय वाक्य स्वतंत्रता, समानता, भ्रातत्व का स्वरूप दिखाई देता हैं. उन्होंने व्यक्तिवाद के स्थान पर सार्वभौमिक विवेक को श्रेष्ठ माना. वे सत्यज्ञान की खोज में नवम्बर में रामकृष्ण परमहंस के सम्पर्क में आए. उन्होंने गृहस्थाश्रम का त्याग कर दिया और हिमालय के जंगलों में साधना करने लगे. परिव्राजक के रूप में इन्होने भारत में भ्रमण किया.


जिससे उन्हें साधारण जनता के भयंकर कष्टों और उनकी तकलीफों का पता चला. स्वामी जी ने में विश्व धर्म संसद के शिकागो सम्मेलन में भाग लेने का निर्णय लिया. खेतड़ी के तत्कालीन ठाकुर साहब ने शिकागो सम्मेलन में सम्मिलित होने का व्यय वहन किया. वह सम्मेलन स्वामी विवेकानंद के जीवन का एक स्वर्णिम अध्याय बन गया. भारतीय वेदांत की आधुनिक अर्थों में व्याख्या कर स्वामी विवेकानंद ने दिव्य संदेश दिया, essay on swami vivekananda in hindi. उनका भाषण भारत की सार्वदेशिकता और विशाल ह्रद्यता से ओतप्रेत था. वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने पश्चिम की भौतिकवादी जनता के सम्मुख भारत के आध्यात्मवाद का महान आदर्श उपस्थित कर देश के वास्तविक स्वरूप का चित्र पश्चिम के सामने रखकर उन्हें चकित कर दिया. और अंधविश्वासों व कुप्रथाओं को essay on swami vivekananda in hindi करने के लिए कार्य किया. एक वर्ष पश्चात इन्होने सान फ्रांसिस्को, पेरिस व मिस्र की यात्राएं की.


संस्कृत व वेदांत के अध्ययन के लिए उन्होंने बनारस में एक पाठशाला की स्थापना की. अत्यधिक कार्यभार के कारण स्वामी विवेकानंद का स्वास्थ्य निरंतर गिरने लगा, लेकिन इसकी परवाह किये बिना वे अपने कार्य में लगे रहे. अन्तः 39 वर्ष की अल्पायु में 4 जुलाई को उनका देहावसान हो गया. भारतीय चिंतन में कर्मयोग में उनका संदेश आज भी प्रेरक शक्ति हैं. धर्म एक शाश्वत अवधारणा के रूप में मानव इतिहास में अवस्थित रहा हैं. यह केवल दर्शन अथवा ईश्वरीय साधना का विषय मात्र नहीं है. वर्ण जीवन के समस्त पहलुओं से सम्बन्धित हैं. भारत में धर्म एक विशिष्ठ उपासना पद्धति तक ही सीमित नहीं रहा हैं.


वरन उपासना पद्धति उसका एक अंग मात्र हैं. धर्म शब्द की उत्पत्ति धृ धातु से हुई हैं जिसका अर्थ है धारयति इति धर्मः अर्थात धारण किया जाए, जिसे आचरण में धारण कर सके. धर्म के रूप में विधान नैतिक, सदाचार, सत्कर्म, कर्तव्य, essay on swami vivekananda in hindi, न्याय, पवित्रता, नीति आदि को परिभाषित किया गया हैं. स्वामी विवेकानंद के धार्मिक विचारों के निर्माण का प्रमुख केंद्र वेद व वेदांत दर्शन रामकृष्ण परमहंस का प्रभाव essay on swami vivekananda in hindi स्वयं के निजी अनुभव था. उन्होंने दर्शन को व्यवहारिक रूप देने का प्रयास किया. उनका मानना था कि वेदांत उस ईश्वर में विश्वास नहीं करता जो मृत्यु के पश्चात तो स्वर्ग के समस्त सुख दे सके, किन्तु जीवित व्यक्ति के लिए रोटी उपलब्ध नहीं करवा सके.


उनका मानना था कि मानव की वास्तविक प्रकृति ईश्वरीय है और वेदान्त संसार त्यागने के स्थान पर समस्त विश्व को ब्रह्मामय बनाने का पाठ सिखाते हैं. उन्होंने अपने समय के अन्य विचारकों से अलग ईश्वर के निर्गुण और सगुण दोनों रूपों को स्वीकार किया हैं. ईशावस्यतिदम सर्वम की धारणा से उनके विचारों में अद्वैत एवं विशिष्ठद्वैत दोनों का अद्भुत मिश्रण दिखाई देता हैं. स्वामी विवेकानंद ने कहा कि वेदों ने शुद्ध प्रेम की शिक्षा दी हैं. इसी आधार पर शिकागो धर्म संसद में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा — हे अमृत के पुत्रगण तुम्हे पापी कहना अस्विकारता हैं. तुम तो ईश्वर की सन्तान हो, अमर आनन्द के हो, पवित्र और पूर्ण आत्मा हो.


तुम इस भूमि के देवता हो, तुम भला पापी कैसे हो सकते हो. मनुष्य को पापी कहना ही पाप है. वह मानव स्वभाव पर घोर लांछन हैं. प्राचीन काल में हिन्दू शब्द का प्रयोग किसी धर्म के रूप में नहीं, विशेष लोगों के सन्दर्भ में प्रयुक्त हुआ हैं. एक विशेष धर्म के रूप में हिन्दू शब्द का प्रयोग बहुत बाद में आरम्भ हुआ. हिन्दू धर्म में मौजूद विभिन्न मत मतांतर इसे दुरूह पंथों, कर्मकांडों, अंधविश्वासों परम्परागत मतों व आदिम कर्मकांडों का पुंज मानते थे. इसलिए यूरोपीय इनकी आलोचना करते थे. स्वामी विवेकानंद ने हिन्दू धर्म की व्याख्या किसी संकुचित अर्थ, उपासना पद्धति या विशेष कर्मकाण्ड के आधार पर नहीं की. उनका कहना था हम लोग हिन्दू है. मैं हिन्दू शब्द का प्रयोग किसी बुरे अर्थ में नही कर रहा और मैं उन लोगों से कदापि सहमत नहीं, जो उससे कोई बुरा अर्थ समझते हैं.


प्राचीन काल में इस शब्द का अर्थ था सिन्धु नदी के दूसरी ओर बसने वाले. स्वामी विवेकानंद ने हिन्दू धर्म को महत्व दिया. उन्होंने धर्म व हिन्दू इन दोनों शब्दों essay on swami vivekananda in hindi समानार्थ माना, उनका मानना था कि यदि कोई हिन्दू धार्मिक नहीं है तो वह उसे हिन्दू नहीं मानते हैं. उनका कहना था कि प्रत्येक धर्म में ईश्वर को माना जाता है. लेकिन धर्म से जुड़ा व्यक्ति स्वयं के धर्म को ही श्रेष्ठ समझता हैं. ठीक वैसे ही जैसे एक कुँए का मेढ़क अपने कुँए को ही सम्पूर्ण संसार मानता हैं. जबकि हिन्दू धर्म में माना जाता है कि विभिन्न नदियाँ भिन्न भिन्न स्रोतों से निकलकर समुद्र में मिल जाती है, उसी प्रकार विभिन्न टेड़े मेडे अथवा सीधे रास्ते से जाने वाले लोग अंत में ईश्वर में ही आकर मिल जाते हैं.


स्वामी विवेकानंद ने वेदान्त दर्शन को इस तरह विकसित किया जिससे समस्त संघर्षों को दूर किया जा सके. और इससे मानव जाति का बहुमुखी विकास हो सके. उन्होंने भारत की विशिष्ठता को धर्म के रूप में प्रतिष्ठित किया, essay on swami vivekananda in hindi. धर्म की विशद व्याख्या में मानवतावादी, सार्वभौमिक स्वरूप, वैज्ञानिकता और आचरण के नियमों को प्रस्तुत किया. उन्होंने विश्व के सम्मुख भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता की श्रेष्ठता को प्रतिपादित किया. उनके मन में मातृभूमि के प्रति अगाध प्रेम था. उन्होंने पश्चिम के विपरीत राष्ट्रवाद का आधार धर्म को बनाते हुए आध्यात्मिक राष्ट्रवाद की अवधारणा विकसित की. राष्ट्रवाद के उन्नयन में अभयम आत्मबल और आत्मविश्वास को अत्यधिक महत्व दिया. उन्होंने अस्प्रश्यता, शोषण, स्त्रियों की गिरती दशा, essay on swami vivekananda in hindi, शिक्षा के अभाव आदि को सामाजिक विषमता व गिरती स्थिति के लिए उत्तरदायी माना तथा अवसरों की समानता को सिद्धांत स्वीकार किया.


स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को कर्मयोग की महत्ता समझाई. दरिद्रनारायण की सेवा को राष्ट्रवाद से जोड़ने का उनका विचार गाँधी चिंतन में स्पष्ट दिखाई देता हैं. उन्होंने संकीर्ण राष्ट्रवाद से दूर रहकर राष्ट्रीय एकीकरण पर बल दिया. वे भारत के एक ऐसे राष्ट्रवादी हैं.





gratitude essay



Learn how your comment data is processed. Sign in. होम सुविचार स्लोगन निबंध त्यौहार कहानियां करियर हेल्थ बिज़नेस रोचक जानकारी. your username. your password. Forgot your password? Privacy Policy. Password recovery. Recover your password. your email. Get help. निबंध स्वामी विवेकानंद पर निबंध Swami Vivekananda Essay in Hindi. स्वामी विवेकानंद पर निबंध Swami Vivekananda Essay in Hindi. उन्होंने राष्ट्रवादी विचारों के माध्यम से कई भारतीय नेताओं का ध्यान आकर्षित किया। भारत की आध्यात्मिक जागृति के लिए श्री अरबिंद ने उनकी प्रशंसा की थी। महान हिंदू सुधारक के रुप में, जिन्होंने हिंदू धर्म को बढ़ावा दिया, महात्मा गाँधी ने भी उनकी प्रशंसा की। उनके विचारों ने लोगों को हिंदु धर्म का सही अर्थ समझाने का कार्य किया और वेदांतों और हिंदु अध्यात्म के प्रति पाश्चात्य जगत के नजरिये को भी बदला।.


उनके इन्हीं कार्यों के लिए चक्रवर्ती राजगोपालाचारी स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ही वह व्यक्ति थे, जिन्होंने हिन्दू धर्म तथा भारत को बचाया था। उन्हें सुभाष चन्द्र बोस के द्वारा "आधुनिक भारत के निर्माता" कहा गया था। उनके प्रभावी लेखन ने बहुत से भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ताओं; जैसे- नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बाल गंगाधर तिलक, अरविंद घोष, बाघा जतिन, आदि को प्रेरित किया। ऐसा कहा जाता है कि 4 जुलाई सन् में उन्होंने बेलूर मठ में तीन घंटे ध्यान साधना करते हुए अपनें प्राणों को त्याग दिया।. अपने जीवन में तमाम विपत्तियों के बावजूद भी स्वामी विवेकानंद कभी सत्य के मार्ग से हटे नही और अपने जीवन भर लोगो को ज्ञान देने कार्य किया। अपने इन्हीं विचारों से उन्होंने पूरे विश्व को प्रभावित किया तथा भारत और हिंदुत्व का नाम रोशन करने का कार्य किया।. कई लोगो की प्रेरणा की स्रोत, अर्चना सिंह एक कुशल उद्यमी है। अर्चना सिंह 'व्हाइट प्लैनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड' आई.


कंपनी की डायरेक्टर है। एक सफल उद्ममी होने के साथ-साथ एक कुशल लेखक भी है, व इस क्षेत्र में कई वर्षो का अनुभव है। वे 'हिन्दी की दुनिया' और अन्य कई वेबसाइटों पर नियमित लिखती हैं। अपने प्रत्येक क्षण को सृजनात्मकता में लगाती है। इन्हें खाली बैठना पसंद नहीं। इनका कठोर परिश्रम एवं कार्य के प्रति लगन ही इनकी सफलता की कुंजी है।. Main Menu निबंध भाषण 10 वाक्य नारा कहावत कविता त्योंहार इवेंट्स स्वास्थ्य मेन्टल हेल्थ हेल्थ केयर फ़ूड गाइड वेलनेस रिलेशनशिप अन्य कैटेगरी कोरोनावायरस लाइव अपडेट सामान्य जागरूकता जीवनी भारत सरकार संपर्क. निबंध भाषण 10 वाक्य नारा कहावत कविता त्योंहार इवेंट्स स्वास्थ्य मेन्टल हेल्थ हेल्थ केयर फ़ूड गाइड वेलनेस रिलेशनशिप. कोरोनावायरस लाइव अपडेट सामान्य जागरूकता जीवनी भारत सरकार. स्वामी विवेकानंद पर निबंध निबंध. by अर्चना सिंह. अर्चना सिंह कई लोगो की प्रेरणा की स्रोत, अर्चना सिंह एक कुशल उद्यमी है। अर्चना सिंह 'व्हाइट प्लैनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड' आई.


Related articles. सड़क सुरक्षा पर निबंध निबंध. जल का महत्व पर निबंध निबंध. गर्मी की छुट्टी पर निबंध निबंध. इस भी पढ़ें ग्लोबल वार्मिंग निबंध निबंध. प्रौढ़ शिक्षा पर भाषण भाषण. ओणम Festivals. मुख्य पृष्ठ हमारे बारे में हमसे संपर्क करें लिंक्डइन.

No comments:

Post a Comment